अग्रसेन महाराज: प्रेमभाव और सेवा का संदेश - agrasen maharaj: prembhav aur seva ka sandesh
अग्रसेन महाराज: प्रेमभाव और सेवा का संदेश
***
राजा वल्लभ के ज्येष्ठ पुत्र महाराजा #अग्रसेन कहलाए,
#द्वापर के अंत में वो #युगपुरुष धरती पर आए।
***
#परोपकार और प्रेमभाव से उन्होंने सब को अपना बनाया,
बलि प्रथा को बंद करके सब जीवों पर प्यार लुटाया।
***
एक #ईंट और एक सिक्के के सिद्धांत से सामाजिक सोहार्ध बढाया,
#कर्म का महत्व पूरे विश्व को सिखलाया।
***
उन महाप्रतापी #क्षत्रिय राजा ने अपने लोगों की खातिर #वैश्य #धर्म अपनाया,
अग्रोहा की माटी में एक सुंदर नगर बसाया।
***
ये वही भूमि हैं जहाँ पर नवजात #शिशु भी #सिंह की भाँति #दुश्मन पर गुर्राता हैं,
अपनों पर खतरा पाते ही हर विपदा से लड़ जाता हैं।
***
उन #सूर्यवंशी #महावीर के चरणों में शीश झुकाता हूँ,
#अग्रोहा की रज को मस्तक पर सजाता हूँ।
***
जय अग्रसेन #महाराज जी।
***
#लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'
***
Post a Comment