पीठ पर मारा है सीने पर खाओगे ,
ख़ून बहा कर हमारे जवानों का ,
सीमाएं तुड़वाओगे ,
टूट जायेगा तुम्हारा घरोंदा जो कि है मिट्टी का ,
अगर मारी जवानों ने हमारे ,
अपनी एक लात भी ,
अरे आतंक के पहरेदारों ,
तुम्हारी कुछ औकात नहीं,
वीरों के परिवारजनों के,
आँसुओ से बह जाओगे।
जय हिन्द।
By- Ritesh Goel 'Besudh'
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