कोरोना -एक महामारी

दैत्य वंश के कुछ लोगों ने जिंदा जीव खाए,
उन जीवों के कुछ कीटाणु इंसानों में आए,
इंसानों में आकर उन्होंने भारी क्षति पहुंचाई,
सारी ही यह सृष्टि उसके नाम से थर्राई,
एक को छुते ही दूसरे में फैल जाता है,
संकर्मण का रोग यह कोरोना कहलाता है,
सूखी खांसी, तेज बुखार और जोड़ों की जकड़न,
ये है इस बीमारी के कुछ खास लक्षण,
इससे जीत पाता वही जिसकी प्रतिरोधक क्षमता होती है विलक्षण,
बच्चे और बुढों के लिए यह बेहद जानलेवा है,
कमजोर पाचन वालों के लिए भी साक्षात् काल देवा है,
इससे बचने के लिए अनुशासन करना होगा,
कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना होगा,
अपने चेहरे के किसी अंग को अब हाथों से नही छुना है,
इन हाथों को रगड़ रगड़ कर बस साबुन से ही धोना है,
हाथ मिलाने की वजह अब नमस्ते करते हैं,
विदेशी को छोड़कर कुछ देसी करते हैं,
एक दूजे से इन दिनों थोड़ी दूरी रखते हैं,
बीमारी के लक्षित होते ही डॉक्टरी सलाह जरूरी रखते हैं,
21 दिनों के जन बंधन का पालन करते हैं,
देश के प्रति कर्तव्यों का अनुपादन करते हैं,
आखिर में सब मिलकर ईश्वर से कामना करते हैं,
इस विश्वव्यापी समस्या को वो अपने हाथों से मिटाए,
मानवता की विजय हो और मानव फिर अजय हो जाए ।जय हिंद ।
जय भारत ।
By - Ritesh Goel 'Besudh'

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