कभी आँसु बनकर तेरे चेहरे पर आयेंगे ,कभी खवाब बनकर तेरी निदें चुराएँगे ,कब तक छुपा कर रखोगी दिल में,हम जज़्बात है तुम्हारे एक दिन होंठों पर आयेंगे। लेख़क - रितेश गोयल 'बेसुध'
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