पत्नी

मैं शायर तो मेरा हसीन ख्वाब है तु,
मैं कलम तो मेरी आवाज है तु,
मैं शब्द तो मेरी साज़ हैं तु,
मैं चेहरा तो मेरी पहचान है तु,
खुशहाल हैं मेरा घऱ तेरे ही दम पे,
मेरा आधा अंग मेरी लाज्ज हैं तु।

By- Ritesh Goel 'Besudh'

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