सच कह दिया तो तु रोने लगेगी,मेरे कदमों मे अपना अस्तित्व खोने लगेगी,तेरा बाप तो जानता ही है मेहनताना मेरा,तु भी जान गई तो मेरे इश्क़ में खोने लगेगी।लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'
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