#इरादों का #सफर: रितेश गोयल 'बेसुध' की शायरी"चाहता है खत्म करना मेरे इरादों को, मैं एक #दिन खुद को आग कर दूँगा,पूछता है #हैसियत मेरी देख कर मेरे कपड़ों को,#वक़्त बदला मेरा तो तेरे इस #अहम को मैं खाक कर दूँगा।लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'
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