मयानों को देख कर तलवार की धार का अंदाज़ा लगा लेते हैं,हम शादीशुदा हैं जनाब,विवाहित की मुस्कुराहट देख कर,पिटाई का अंदाज़ा लगा लेते हैं। लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'
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