शायरी

जब भी किसी लड़की को मैंने प्रोपोज किया है, 
उसके भाईयों ने मुझे लात घूसों का डोज दिया है, 
कमर ये मेरी नागिन सी बलखाने लगी है, 
हर लड़की माँ बहन नज़र आने लगी है, 
मोहल्ले के सभी आशिक़ों को मिल रहा है,
मेरे नाम का उदाहारण, 
खबरदार मोहल्ले के आवारा मजनुओं, 
कर देंगे मार-मार के बेसुध सी हालत, 
मोहल्ले में यदि किसी लड़की को प्रोपोज किया है। 
लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'

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