कामयाब
जो देख कर हम को मुँह बनाते हैं,
कल वो ही हमारे नाम के किस्से गाएँगे,
छपेगी जब तारीफ़ हमारे हुनर की,
महफ़िलों में सब हमें अपना बताएँगे,
चुभ रहे थे जिनकी आँख में काँटे की तरह,
उन के लिए अब गुलाब हो जायेंगे,
देते थे जो मिसाल अपने बच्चों को हमारे नाम की,
अब उन सब के लिए हम आदर्श हो जायेंगे,
कामयाबी और नाकामयाबी मे सिर्फ ना का अंतर हैं,
इस ना को हाँ में बदलो आप कामयाब हो जायेंगे।
लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'
Post a Comment