नेता करते गुंडागर्दी यहांँ खुलेआम बाजार में,किसको हम अपना समझे प्रशासनिक चुनाव में,गधे की कीमत चालीस हजार,पर आदमी बिक जाता यहांँ एक बोतल शराब में। लेखक-रितेश गोयल 'बेसुध'
Post a Comment