शायरी

शायरी

एक शायरी सभी पतियों की तरफ से पत्नियों के लिए,प्रेमियों की तरफ से प्रेमिकाओं के लिए,अर्ज है-

क्या मारोगे खंजरों से तुम हमें,
हम अपनी गर्दन पर आरी लिए बैठे हैं,
और काटोगे तो खून निकलेगा नहीं,
हम खून पीने वालियों से,
यारी किये बैठे हैं।

लेखक-रितेश गोयल 'बेसुध'

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