डाइटिंग के मेरे शुरुआत नहीं हो पाती

बर्गर ने मुझ को पकड़ा है,
पिज़्ज़ा ने मुझको जकड़ा है,
जलेबीयों की ये भूल भुलैया,
मुझसे पार नहीं हो पाती,
डाइटिंग कि मेरे शुरुआत नहीं हो पाती।
खीर की तस्तरी में बैठा कर खूब मेवा पेला है,
खाने से रिलेटेड हर खेल हमने खेला है,
काजू कतली और रबड़ी के बिना,
फिर भी बात नहीं हो पाती,
डाइटिंग के मेरे शुरुआत नहीं हो पाती।
देखता हूं मैं भी सपना ऋतिक हो जाने का,
बस यह समोसों की दीवार मुझ से पार नहीं हो पाती,
डाइटिंग के मेरे शुरुआत नहीं हो पाती।
हमारे शहर में लगता जहां पहलवानों का रैला है,
उसी के पास कचोरी वाले का ठेला है,
कैसे मैं शुरुआत करूँ अपने स्लीम हो जाने की, घर से बाहर निकलते ही दिखती हर दूजी चीज खाने की,
छोले भटूरे और राजमा चावल के बिना,
लंच की बात नहीं हो पाती,
डाइटिंग के मेरे शुरुआत नहीं हो पाती।
 लेखक -रितेश गोयल 'बेसुध'

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