इश्क़ - एक फरियाद

जब तुझको अहसास ये होगा , तब शायद ना मैं तेरे पास होगा ,
मेरे दिल की बातों को जाने दो ,दिल में ही उन्हें रह जाने दो ,
अश्कों को तुम रखो सम्भाले ,आँखों से ना बह जाने दो ,
ये अश्क बड़े ही क़ाबिल है ,वक़्त पे काम आ जाते है ,
लेकिन कुछ पल होते ऐसे भी ,बेवक़्त ही ये आ जाते है ,
शायद मेरे जाने के ही बाद ,आएगी तुझको मेरी याद ,
रुसवाइयाँ भी ढूंढेगी मुझको ,तन्हाईयाँ भी ढूंढेगी मुझको ,
वो पल होगा बेहद खास ,होगा जब तुझको अहसास ,
एक था तेरा ऐसा भी आशिक़ ,हँसते- हँसते जिसने दे दी जान ,
लम्हों की कीमत समझो जरा ,इश्क़ की है फरियाद यही ,
हर किसी के जीवन में , एक ही शख्स होता है खास ,
यादो की तस्वीरें भी धुँधली पड़ जाएगी ,मुट्ठी से रेत ज्योही फिसलती जाएगी ,
तेरी यादों की पुस्तक से ,मैं पूरा ही मिट जाऊँगा ,
होगी फिर एक नयी शुरुआत ,इश्क़ की है एक यही फरियाद।

By - Ritesh Goel 'Besudh'

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