शायरी

तेरे बिना मेरा हर भाव अधुरा है,

तेरे बिना मेरा हर ख्वाब अधुरा है,

दिल़ से तमऩना है तुझे पाने की शायद़,

इसलिए तेरे बिना मेरा हर ज्ज़बात अधुरा है,

By - Ritesh Goel 'Besudh'

No comments