चाहत-emotional


शब्द चाह कर भी उसको छु नहीं पाते, 
उसके चरित्र के जैसी खुशबू नहीं लाते, 
हर रोशनी मुझको उसका दीदार करवाती हैं, 
अंधेरों में हम उसकी छवि नही पाते, 
मोहब्बत के सफ़र की वो मंजिल हमारी हैं, 
उसके बिना अपनी अशिक़ी के हम किस्से नहीं गाते, 
वो सुबह से लेकर रात तक शामिल हैं ज़िंदगी में, 
उसके बिना हम अपना एक पल तक नहीं सजाते, 
माना की वो अधूरी मोहब्बत है हमारी, 
पर चाहकर भी उसको भुला नहीं पाते, भुला नहीं पाते। 
लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'
 

No comments