शादीशुदा मर्दों की निशानी

मांग में सिंदूर, माथे पर बिंदिया,
हाथों में चूड़ियां और गले में मंगलसूत्र,
ऐसा कुछ भी नहीं होता हम मर्दों के पास।
बस आंखों में डर और चेहरे पर मुस्कुराहट,
यही शादीशुदा होने की पहिचान होती है।
किसी को देखने से पहले आंखें चार बार सोचती हैं,
और कंफर्म करती है कि आसपास वह तो नहीं है,
अगर है तो खामखा पिटाई हो जानी है,
और फिर हर लड़की एक आंख से मां,
और दूजी से बहन नजर आनी है।
तो मैं कह रहा था,
किसी को देखने से पहले आंखें चार बार सोचती हैं,
और कंफर्म करती है कि आसपास वह तो नहीं है,
एक और निशानी बताता हूं मैं शादीशुदा होने की,
शादीशुदा की आवाज में घबराहट नजर आती है,
जब भी वह रूबरू होता है किसी और हसीना के साथ, कुछ भी कहने से पहले सौ बार सोचता है,
कहीं यह बात उसको पता तो नहीं चल जाएगी,
फिर अपनी फालतु मे चिंता ता ता चिता चिता हो जाएगी।
लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'

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