शायरी

पलकों में समाया है,
आंसू बनकर चेहरे पर आया है,
दिल में दबा कर कब तक रखोगे,
यादों का सैलाब उठा,
तभी तो जज्बात बनकर बाहर  मेरा प्यार आया है।

By - Ritesh Goel 'Besudh'

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