हमसफ़र ज़िन्दगी

ज़िन्दगी ने जो भी दिया हमने हँस कर है लिया ,
खुशियाँ अपनी साँझा करके दूसरो का गम लिया ,
अपनों की ख़ातिर हर मुश्किल से लड़ा ,
ख़ुद को ही खो कर अपनों के मैं मन चढ़ा ,
लड़ाइयां लड़ते - लड़ते जब मैं थक सा गया ,
आकर मेरी रहबर ने हाथ मेरा थाम लिया ,
ज़िन्दगी अब देखो यु ही बस चलती रहे ,
तुम हमारी हम तुम्हारी खातिर यु ही लड़ते रहे ,
अपनों को सब खुशियाँ मिले ज़िन्दगी हँसती रहे ,
ज़िन्दगी हँसती रहे .......

By- Ritesh Goel 'Besudh'


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