उड़ान-एक आशा
उड़ना चाहता हूँ दिल में ख्वाहिश है मेरे,
मैं भी चाहता हूँ मंजिल मुझ को भी मिले,
कहता ही नहीं हूँ जो करना चाहता हूँ,
करता ही नहीं हूँ जो दिल में है मेरे,
सपने देखता हूँ पुरे होंगे या नहीं,
ना उम्मीद छोड़ता हूँ मंजिल मिलेगी या नहीं,
उड़ना चाहता हूँ दिल में ख्वाहिश है मेरे,
मैं भी चाहता हूँ मंजिल मुझ को भी मिले।
मैं भी चाहता हूँ मंजिल मुझ को भी मिले,
कहता ही नहीं हूँ जो करना चाहता हूँ,
करता ही नहीं हूँ जो दिल में है मेरे,
सपने देखता हूँ पुरे होंगे या नहीं,
ना उम्मीद छोड़ता हूँ मंजिल मिलेगी या नहीं,
उड़ना चाहता हूँ दिल में ख्वाहिश है मेरे,
मैं भी चाहता हूँ मंजिल मुझ को भी मिले।
काश! मेरे ख़्वाबो के पर हो जाए,
उडु इस खुले आसमां में,
और सपने सच हो जाए।
उडु इस खुले आसमां में,
और सपने सच हो जाए।
By-Ritesh Goel 'Besudh'
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