जी एस टी संग्राम- एक हास्य कविता

जी एस टी संग्राम ने अपना बिगुल बजाया ,
हर तरह का नागरिक युद्ध लड़ेगा भाया ,
जो अब तक भर रहे थे सीमेंट की बोरियों ,
वो अब भरेंगे बंदूकों में गोलियां ,
हर किसी को युद्ध का कौशल सिखाया जायेगा ,
जी एस टी क्या है सब को बताया जायेगा ,
सेना को युद्ध में तीन भागों में बांटा जायेगा ,
सी जी एस टी, एस जी एस टी, और आई जी एस टी से लड़ाया जायेगा ,
थ्री बी का भूत दो माह टकराएगा ,
आगे फिर कभी भी वो नज़र न आएगा ,
इसके बाद सीधा टैक्स राक्षस नजर आएगा ,
आर वन और आर टु से वो हमको डरायेगा ,
आर वन और आर टु को यदि हमने हरा दिया ,
जी एस टी का भूत भी समझो हमने है भगा दिया।

जय हिन्द।

By- Ritesh Goel 'Besudh'

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