माँ


गुनाहों पे मेरे डाल कर पर्दा क्यों बचा लेती हो माँ,

मैं तो ऐसा ही हूँ फिर क्यों मेरी खातिर,

बदनामी का दामन थाम लेती हो माँ।

By- Ritesh Goel 'Besudh'

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