शायरी

कलम की मार जब कागज पर पड़ती है ,

 दिल की स्याही से तब वो लब्जो में ढलती है। 

होती है उसमे बात वो दिल को छू ले जो , 

तब लोगों को वो शायरी लगती है। 

By- Ritesh Goel 'Besudh' 

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