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पहलगाम-pahalgam

00:03
 ज़न्नत की हूरों की ख़ातिर क्यों जन्नत को बर्बाद किया, पहलगाम की खुबसूरत वादी को क्यों तुमने शमशान किया , नए जीवन की सपने संजोकर कोई यहाँ पर आ...Read More

राजनीति की जय बोलो। -politics

03:56
 ये कविता मैंने रामधारी सिंह दिनकर जी की कविता 'कलम आज उनकी जय बोल'  से प्रेरित होकर लिखी है।  देश को लुटा बारी-बारी , धर्म की भड़काक...Read More

शायरी-romantichsayari

02:27
 बड़ा बेचैन है दिल मेरा, अपनी बाँहों के इसे आगोष कर दे, थरथरा रहे है लब मेरे , रख कर अपने लब इन पर, इन्हें ख़ामोश कर दें।  लेख़क- रितेश गोयल ...Read More

फार्च्यूनर-fortuner

01:23
 ज़मीन बेच क बाबु की,नई फार्च्यूनर कढ़वाई है, छोड़ क अपनी जमींदारी,या बिदेशी पूंछ बँधवाई है, माँ के हाथ की नुनी रोटी इब भावती कोनी, जबत शहरी मै...Read More

शायरी - attitude shayari

03:09
  कलम घिस-घिस कर अपनी तुझे कागज़ पर उतारा है, थोड़ा सा सब्र रख मैं तुझे सबकी मुराद कर दूँगा, कुछ किरदार बाकी है इस कहानी में बस, जो तुझसे धोखा...Read More

शायरी - attitude shayari

02:48
  दिल चीरने को तलवारें हमने भी पाल रखी हैं , बस अभी वक़्त नहीं है हमारा , इसलिए मयानों में सम्भाल रखी हैं।  लेखक - रितेश गोयल 'बेसुध'...Read More

शायरी - attitude shayari

02:29
  एक बात जहन में रखना।, इश्क़ नहीं हूँ मैं तेरा , जो बर्बाद कर दोगी।  लेखक - रितेश गोयल 'बेसुध 'Read More
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